हामिद का चिमटा Srijan मई 31, 2020 रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आती है ईद। नए कपड़े, सेवाइयां, ईद मिलन, तोहफे, खिलखिलाते हुए चेहरे इन सब के अलावा मुझे ईद पर कुछ और... Continue Reading
अब प्रकृति की बारी Srijan अप्रैल 01, 2020 आसमान है भूरा, हवाएं जहर, भोर की लाली लागे है कहर। पानी में घुला टीडीएस का लोचा है , धरती को बचाने का यह... Continue Reading
काव्यांजलि (फ़रवरी 20) Srijan फ़रवरी 05, 2020 जलियांवाला बाग दिन आया था वह बैसाखी का, हर्षित होने का, जन मन और पाखी का, हुआ एकत्रित जन सैलाब, ... Continue Reading
एक नज़र सम्मान की .. Srijan जनवरी 01, 2020 ना मांगा आसमान, ना ये धरती मुझे दे दो । इज्जत चाहती हूं मैं, एक सम्मान... Continue Reading
सराहना दूसरों की… क्या लाभ क्या हानि? Srijan जनवरी 01, 2020 अति का भला न बोलना, अति की भली न चुप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप। उक्त दोहे का अर्थ जीवन के हर को... Continue Reading