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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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रविवार, 5 जून 2022

कहानी कविताएं ग़ज़ल

जून 05, 2022
  उजाड़ कर , मेरी हरी हरी भरी बस्तियां,   मुझ पर ही , कहानी कविताएं ग़ज़ल,   लिखते हो। छलनी कर , जंगल का सीना , कंक्रीट के जाल...

शनिवार, 12 मार्च 2022

प्रेम जोत

मार्च 12, 2022
  चैत्र की दहलीज़ में , दस्तक देता कह रहा,   मद मस्त बसंत, लिपटकर   मार्तंड की, नव किरणों में , नवसृजित नवोदित संवत्सर के, आंगन ...

गुरुवार, 11 मार्च 2021

आसान नहीं है

मार्च 11, 2021
      सीता सा पतित पावन प्रेम में, समर्पित, जीवन कर जाना ,,,। जीवन अट्टालिकाओं पर,   मर्यादा कुल की, अमर कर जाना,,,।   जलकर...

शनिवार, 23 जनवरी 2021

माँ

जनवरी 23, 2021
लोरी की धड़कती सरगम में मैं चैन की नींद में , सोया था मां,,,,,,,,। आलिंगन तेरी सुकोमल,   बाहों का, आंचल में बेखौफ, मैं सोया था मां...

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