आशाएँ Srijan अक्टूबर 10, 2020 आशाओं की धाराओं पर चलता है हर कोई । इसमें है ज्वार भाटा जानता है हर कोई। मगर मानता है कोई कोई।। उफनती लहरों से क्यों होता है मन ... Continue Reading
प्रकृति का सन्देश Srijan सितंबर 03, 2020 जिंदगी का जज्बा भी अब क्या रह गया ? धूल के कण सी जिंदगी को इंसान सोचता रह गया । न जाने कब चूर -चूर है सपने । न जाने कब दूर -दूर है... Continue Reading
समय ,तू कौन ? Srijan अगस्त 11, 2020 समय ,तू कौन हैं ? रहता है कहाँ पे? खोजते खोजते न जाने, कितने चले गए जहां से । एक अजब सी ह... Continue Reading
लॉकडाउन: कुछ बंधन, कुछ अवसर Srijan मई 31, 2020 (सीमा रानी गौड) लोक डाउन एक आपातकालीन प्रोटोकॉल है। जिस का हिंदी अर्थ है - पूर्णबन्दी । किसी आपातकालीन स्थिति में ... Continue Reading