फिर से आना Srijan सितंबर 10, 2021 वात्सल्य के बीज पिरोती हूँ तुम्हारे सपनों को अपने नैनों में समेटी हूँ ओ ! मेरी गुड़िया मेरे घर फिर से आना ... Continue Reading
माँ Srijan जून 01, 2021 तुझको ही तो देखकर माँ जीने का मन किया लिखी जो तेरे चेहरे पर नज़्म ऐ दास्तां उसे पढ़ने का मन किया । तूफ़ानी हवाओं में भी जो तूने थाम रखा थ... Continue Reading
उठना होगा ख़ुद तुम्हें Srijan मार्च 11, 2021 तुम वेदना नही,संवेदना की हो अधिकारी विश्व जननी माँ दुर्गा की छवि जैसी हो निराली तेरा आँचल तेरी खुशबू जो अनमोल ताक़त है तुम्हारी तेरा ... Continue Reading