एक पुस्तक की राम कहानी Srijan दिसंबर 29, 2022 मित्रों। सबसे पहले मैं आपको अपना परिचय देती हूँ। मेरा नाम पुस्तक है। संज्ञा में, मेरी जातिवाचक संज्ञा है। साक्षर लोग मुझे आदर के स... Continue Reading
अपराधबोध Srijan दिसंबर 29, 2022 लता को रह रह कर आज सुबह से ही सीने में भारीपन और हल्का सा दर्द महसूस हो रहा था पर काम की अधिकता की वजह से उसने इस ओर ध्यान न दि... Continue Reading
माँ Srijan दिसंबर 29, 2022 चेतन चौथी कक्षा में पढता था। वह विद्यालय में हमेशा गुमशुम ही रहा करता था इसीलिए सभी बच्चे उससे कटे- कटे ही रहते। वह न तो होमवर्क ही ठ... Continue Reading
जाड़े की रात Srijan दिसंबर 29, 2022 रिया को इटावा से कानपुर जाना था ट्रेन से। रात ग्यारह बजे की ट्रेन थी और वह अकेली । इधर उधर नजरें घुमाकर देखा तो सब प्रतीक्षा में ऊंघ रह... Continue Reading
जड़ Srijan दिसंबर 29, 2022 सौंदर्य की प्रतिमूर्ति स्वंय को सर्वगुण सम्पन्न समझने वाली लेखा जी का मानना था कि दुनिया की किसी भी उपलब्धि और सफलता पर सिर्फ ... Continue Reading
प्रायश्चित Srijan दिसंबर 29, 2022 " अरे कोई बात नहीं बाबू जी" जून महीने की तपती दोपहरी के चलते सड़कों पर जैसे सन्नाटा पसरा था, चं... Continue Reading
स्नेहा की जीत Srijan दिसंबर 29, 2022 बर्तन माँजती हुई स्नेहा को जब पता चला कि उसकी सास उसे न केवल घूर रही है, बल्कि तंज कसते कुछ सख्त शब्द छोड़ रही है ; स्नेहा से नही... Continue Reading
एक जैसे दुःख Srijan अक्टूबर 04, 2022 बाहर की गर्मी और तपिस देखकर ही लोगों के पसीने छूट रहे थें l पारा पैंतालिस के पार चल रहा था l पशु - पक्षी , चिड़ियाँ -चुग्गे सब... Continue Reading