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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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गुरुवार, 29 दिसंबर 2022

माँ

 


    चेतन चौथी कक्षा में पढता था। वह विद्यालय में हमेशा गुमशुम ही रहा करता था इसीलिए सभी बच्चे उससे कटे- कटे ही रहते। वह न तो होमवर्क ही ठीक से करता और न ही शिक्षक के सवालों का जवाब देने में दिलचस्पी दिखाता। शिक्षक भी उससे परेशान थे और उपेक्षित नजरों से ही देखते।

एक दिन विद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय 'माँ' था। आज पहली बार चेतन ने भी प्रतियोगिता के लिए अपना नाम दर्ज करवाया था। हॉल में सभी अभिभावक, शिक्षकगण और मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। प्रतिभागी बच्चों ने एक एक कर अपना भाषण सुनाया। चेतन की भी बारी आई और उसने कहना शुरू किया- मेरे लिए दुनिया में सबसे प्यारी मेरी माँ है। मेरी माँ सुबह से लेकर रात तक जी तोड़ मेहनत करती है ताकि मुझे कोई कमी न हो। वह दूसरों के घर जाकर कपड़े धोती, बरतन माँजती और घर का गुजारा करती है। पर मेरे शराबी पिता उन पैसों को भी शराब में उड़ा देता है और मेरी माँ को नशे में रोज बहुत पिटता भी है।माँ का सपना है कि मैं पढ़ लिखकर एक अच्छा और सफ़ल इंसान बनूँ।मैं भी पढ़- लिखकर अपनी माँ के सारे दुःख दूर करना चाहता हूँ क्योंकि मुझसे मेरी माँ का दुःख देखा नहीं जाता। लेकिन किताबों और कॉपियों तथा विद्यालय की फीस महँगी होने के कारण मैं अपनी माँ का ये सपना भी शायद अब पूरा न कर पाऊँ..,इतना कहते ही वह फूट फूटकर रोने लगा। पूरे हॉल में सन्नाटा छा चूका था, सभी की आँखे सजल थी। अचानक चीफ़ गेस्ट ने उठकर ताली बजाया, संपूर्ण हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।

    चेतन को प्रथम पुरस्कार मिला तथा विद्यालय कमिटी ने सभी के समक्ष यह प्रण लिया कि वो चेतन जैसे बच्चों की पढ़ाई में हर संभव प्रयास करेगा।

अनिता सिंह

देवघर, झारखण्ड

 

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