लता को रह रह कर आज सुबह से ही सीने में भारीपन और हल्का सा दर्द महसूस हो रहा था पर काम की अधिकता की वजह से उसने इस ओर ध्यान न दिया। अभी स्कूल में बच्चों की परीक्षा चल रही है इसलिए वह स्कूल से छुट्टी नहीं ले सकती ।जैसे तैसे घर का काम पूरा कर वह स्कूल पहुंची ।अभी स्कूल के गेट पर ही पहुंची थी कि अचानक उसे चक्कर आया और वही धम्म से गिर पड़ी ।बेहोशी की हालत में उसे हॉस्पिटल लाया गया । उसके पति दीपक को हॉस्पिटल में बुला लिया गया। डॉक्टर ने दीपक से पूछा_"बताइए,आपकी पत्नी को क्या बीमारी है? वह कौन सी दवाई लेती है" ?
दीपक ने कहा_ डॉक्टर साहब ,मेरी पत्नी को कोई बीमारी नहीं है बस हाई ब्लड प्रेशर की कोई दवाई लेती है शायद...। शायद ,तो क्या आपको उस दवाई के बारे में मालूम नहीं?
नहीं मेरे बेटे नीरज को शायद मालूम हो। डॉक्टर ने नीरज से जब दवाई के बारे में पूछा तो उसने भी यही कहा कि उसे मालूम नहीं कि उसकी मां कौन सी दवाई लेती है। जब नीरज यह बता रहा था तब उसकी आवाज कांपने लगी और नजरें पिता की तरफ मुड़ गई। मन में ग्लानि थी कि आज तक उसने यह जानने की कोशिश न की कि मां कौन सी दवाई लेती है। डॉक्टर ने दोनों को कहा_ आप लोग दोनों को मालूम नहीं की लता कौन सी दवाई लेती है ।आप लोग इतने गैर जिम्मेदार कैसे हो सकते हो?
लता तो शायद आप लोगों को परेशान नहीं करना चाहती थी इसलिए अपनी बीमारी के बारे में आप लोगों को कुछ न बताया पर आप लोगों ने भी जानने की कभी कोशिश नहीं की?
घबराते हुए दीपक ने पूछा_ "बताइए डॉक्टर साहब, लता को आखिर क्या बीमारी है"?
डॉक्टर ने कहा _उन्हें दिल की बीमारी है। उनका दिल बहुत कमजोर हो गया है और इसकी रफ्तार धीमी हो गई है। इसे डॉक्टर्स की भाषा में हार्टप्रॉब्लम कहते हैं। डॉक्टर की बातें सुन नीरज की आंखों से आंसू निकल पड़े और दीपक अपराध बोध में डूबता जा रहा था। सचमुच उसने तो पिछले कुछ दिनों से उमा और घर की तरफ ध्यान ही न दिया। बस ऑफिस के काम में उलझा रहा ।उमा इतनी बीमार होने के बावजूद भी घर और स्कूल दोनों संभालती रही। उसने मन ही मन फैसला किया अब वह ऑफिस और घर में बराबर समय देगा बस ईश्वर की कृपा से लता स्वस्थ हो जाए। प्रार्थना के लिए उसने दोनों हाथ जोड़ लिए।
नीरज को भी अपनी भूल का अहसास हो रहा था। उसने मां के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए अपने आप से वादा किया कि अब हमेशा अपनी मां का ध्यान रखेगा।
अर्चना तिवारी
वडोदरा, गुजरात