सूरज दादा Srijan जून 04, 2022सूरज दादा जून में तुम, आँखें बहुत दिखाते हो, जाड़े में तो तुम भी, भीगी बिल्ली बन जाते हो! बरसात में तुम सूरज दादा, लुका - छिपी... Continue Reading
साँझ की संझबाती Srijan मार्च 11, 2021साँझ की संझबाती, गौ के खुर की धूल, गौ धूलि सुबह शाम मिलती, गंगा की धवल धारा सी बहती! साँझ की संझबाती, ... Continue Reading