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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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शनिवार, 12 मार्च 2022

सुबह के भूले

मार्च 12, 2022
क्या लौटना होगा उस द्वीप पर जहाँ से नौका चली थी भूल कर तल्खियाँ मटमैला धूसर आसमान   रास्ते कंटीले पथ अपरिचित मंज़िल भटकी हुई...

बुधवार, 15 दिसंबर 2021

अग्निगर्भा हूँ मैं

दिसंबर 15, 2021
  उपलों की आग पर जलती लकड़ियां खदकती दाल सिकती रोटियां जलती आंखें धुएं से फिर भी नित्यप्रति वही दोहराव क्या कभी नहीं सोचती माँ ...

एक घटना

दिसंबर 15, 2021
  उत्ताल तरंगों की तरह फैल गया है मेरे मन पर सराबोर हूँ मैं उल्लसित हूँ   झाग बन उफन रहा है जल की सतह पर धरा के छोर पर छोड...

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