जाड़े की रात Srijan दिसंबर 29, 2022 रिया को इटावा से कानपुर जाना था ट्रेन से। रात ग्यारह बजे की ट्रेन थी और वह अकेली । इधर उधर नजरें घुमाकर देखा तो सब प्रतीक्षा में ऊंघ रह... Continue Reading
बालमन पर परिवेशीय प्रभाव Srijan दिसंबर 25, 2022 ये धुआं धुआं सा अब क्यों छा गया? क्यों बचपन भी छिना हुआ सा हो गया? ये हमारी परवरिश को न जाने क्या हो गया?... Continue Reading
गुरूजी Srijan अक्टूबर 08, 2022हर दिन विद्या का देते दान दूर कर देते हमारा अज्ञान वर्णों का हमें ज्ञान कराकर शब्द बनाना बताते गुरु जी किताब पढ़ना हमें सिखलाते ... Continue Reading
दीपक Srijan जून 05, 2022 प्रकाशित करता यह जग को प्रतिक्षण स्वयं ही जल जलकर आलोकित कर देता वसुंधरा को अज्ञानता का तिमिर मिटाकर अस्तित्व मिटा देता सदा अपना ... Continue Reading