हर दिन विद्या का देते दान
दूर कर देते हमारा अज्ञान
वर्णों का हमें ज्ञान कराकर
शब्द बनाना बताते गुरु जी
किताब पढ़ना हमें सिखलाते
इमला बोल शब्द भंडार बढ़ाते
कभी प्यार से हमें समझाते
कभी लताड़ लगाते गुरु जी
जोड़ घटाव गुणा भाग कराते
गणित के प्रश्न हल करवाते
कभी बहुत खुश हो जाते तो
कभी हम पर चिल्लाते गुरु जी
पर्वत की ऊंचाई कितनी
सागर की गहराई जितनी
क्षितिज तलक बांहें फैलाकर
कल्पना की सैर कराते गुरु जी
मैं पृथ्वी का भूगोल नहीं जानूं
इतिहास को भला क्यों पहचानूं
अंग्रेजी से डर लगता मुझको
सब विषय सरल बनाते गुरु जी
गतिविधि से खेल खेल में पढ़ाते
पाठ्यक्रम को रोचक वे बनाते
नैतिकमूल्यों,संस्कृति का ज्ञान कराकर
मन से विज्ञान पढ़ाते हमारे गुरु जी
अलका शर्मा
शामली, उत्तर प्रदेश