मित्रता

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जब भी करना आगाज़

मित्रता का

सच्चाई और ईमानदारी का

रखना सदा ख़्याल।

मन और भावों की

मजबूत डोर है यह

पड़ने न देना इसमें कोई गाँठ।

जीवन का अनमोल खज़ाना है यह

प्रेम और खुशियों की कुँजी है

यह गमों को रखकर दूर

साथ देती है जीवनभर ऐसा कि

मुस्कुराहटों और खिलखिलाहटों की

नहीं होती है कमी कभी।

 

-आचार्या नीरू शर्मा

कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश

  

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