मोटापा सभी रोगों की जननी है।आज के भागदौड़ भरे जीवन में वजन बढ़ना एक आम समस्या हो गई है । शुरू में ही ध्यान दिया जाए तो वजन कम करना आसान है अन्यथा समस्या कठिन हो जाती है ।
मोटापा के तीन बड़े कारण हैं--
1. शारीरिक मेहनत न करना
2. अति भोजन
3. तनाव
इन तीनों को क्रमशः समझते हैं--
1. यदि आप कोई शारीरिक मेहनत नहीं करते हैं तो बची हुई ऊर्जा आपके शरीर में फैट के रूप में जमा होती जाती है ।
2. भोजन की मात्रा आपकी कार्यशैली के अनुसार होनी चाहिए यदि आप शारीरिक श्रम से ज्यादा भोजन खा रहे हैं तो आपके शरीर की आय उसके खर्च से कई गुना ज्यादा है । ऐसे में बचत के रूप में चर्बी आपके शरीर में जमा होती रहेगी ।
3. तनाव पाचन को बिगाड़ देता है । अपचन से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल,फैट अन्य हानिकारक तत्व बढ़ने लगते हैं जबकि रक्त, विटामिंस आदि अन्य पोषक व लाभदायक तत्वों की कमी होने लगती है ।
भोजन में बदलाव करें :
कम खाओ । जीने के लिए खाओ न कि खाने के लिए जिओ । धीरे-धीरे,जबा-चबाकर,ध्यान पूर्वक महसूस करते हुए खाओ । भोजन को इतना चबाओ कि वह मुंह में ही तरल हो जाए । पानी अधिक पियो । भोजन के 1 घंटे पहले से भोजन के 1 घंटे बाद तक पानी न पियो । पानी हमेशा बैठ कर, सिप-सिप करके,थोड़ा- थोड़ा चाय
सुबह से दोपहर तक जैसे-जैसे सूर्य चढ़ता है हमारी पाचन शक्ति बढ़ती है और शाम को जैसे-जैसे सूर्य ढलता है हमारी पाचन शक्ति कम होती जाती है । अतः सुबह को हल्का नाश्ता लें,दोपहर को भूख लगने पर डटकर भोजन करें, शाम को सूर्यास्त से पहले हल्का भोजन लें । सूर्यास्त के बाद भोजन न करें ।
यदि आपको भूख कम लगती है तो दो समय के भोजन को पर्याप्त समझा जाए । तीन समय भोजन जरूरी नहीं है ।
ज्यादा मिर्च मसाले युक्त भोजन,तला भोजन, गरिष्ठ भोजन,मिल्क प्रोडक्ट (दही,मक्खन,क्रीम,पनीर, मावा या इन से बनी वस्तुएं आदि),ज्यादा मीठा,ज्यादा चिकनाई,फ़ास्ट फूड,मैदा से बने सामान,सभी कोल्ड ड्रिंक्स मोटापा कम होने तक पूर्ण बंद कर दें । हल्का,सादा, सुपाच्य भोजन ही करें । दूध ले सकते हैं मलाई उतारकर ।
फाइबर युक्त भोजन जैसे सलाद,दलिया,छिल्केवाली दालें,फल,सब्जियां,आदि ज्यादा खाएं । अन्न कम खाएं अन्न शरीर को फुलाता है ।
आयुर्वेद के अनुसार मित भुक,हित भुक और ऋत भुक बनें । मित भुक अर्थात कम खाएं, हित भुक अर्थात जो आपके शरीर की प्रकृति,आपके कार्य के अनुरूप आपके लिए हितकारी (लाभदायक) है,वही खाएं । ऋत भुक अर्थात ऋतु के अनुसार खाएं । मौसमी फल व मौसमी सब्जी ही खाएं । मौसम के अनुसार पाचन क्षमता बदलती रहती है । सर्दी के मौसम में अधिक खा सकते हैं,गर्मी में कम खाएं हल्का व सुपाच्य खाएं,बरसात में और भी कम खाएं ।
जीवन शैली में बदलाव करें :
अपनी दिनचर्या में नियमित योगाभ्यास,आसन-प्राणायाम/ शारीरिक खेल/सुबह की सैर जरूर अपना लें । मोटापा कम करने में पैदल चलना बहुत सहायक है । पैदल चलने से हल्का-हल्का पसीना आ जाता है । रक्त संचार सुधरता है । सभी अंगों की कार्यप्रणाली ठीक होती है । सुबह 40 से 60 मिनट तक ताजी हवा में सैर करें,बिना कदम रुके लगातार । सैर करते समय अपने क्रियाशील अंगों पर ध्यान लगाए हुए,लंबी-लंबी सांसे लेते-छोड़ते हुए चलें,बातें करते हुए या गाने सुनते हुए नहीं । तभी पूर्ण लाभ मिलेगा । आप अपने दैनिक कार्यों में भी पैदल चलना बढ़ा लें तो अच्छा है ।
यदि आपका कार्य कुछ ऐसा है कि आप पूरा दिन बैठे रहते हैं तो आप हर एक-दो घंटे के बाद 2 से 5 मिनट के लिए खड़े हो जाएं, हो सके तो दो चार कदम चल लें । इससे आपका शरीर जाम नहीं होगा । बीच-बीच में 10-20 मिनट के लिए रीढ़ को सीधा करके बैठें । इससे संपूर्ण शरीर में रक्त संचार उत्तम रहेगा ।
पेट को स्वस्थ बनाएं :
आपके द्वारा खाया भोजन अच्छे से हजम हो रहा है या नहीं इसका ध्यान रखें । यदि खाना खाने के बाद आपका पेट फूल जाता है, गैस, तेजाब बनता है, सिर दर्द, पैरों की पिंडलियों में दर्द होता है तो आपका हाजमा सही नहीं है । हाजमा खराब होना भी मोटापे का प्रमुख कारण है । हाजमा खराब होने से व्यक्ति या तो पतला व कमजोर होता चला जाएगा या मोटा और बीमार होता चला जाएगा । आपका हाजमा सही होना व प्रतिदिन पूर्ण पेट साफ होना बहुत आवश्यक है । ज्यादा समस्या है तो आप डॉक्टर की सलाह से आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाई जरूर लें । इसमें दिनचर्या बदलाव व खानपान बदलाव से भी आपको मदद मिलेगी ।
व्यायाम करें :
वजन कम करने के लिए आपको नियमित एक-डेढ़ घंटा एक टाइम या दो टाइम प्रतिदिन व्यायाम या ठोस एक्सरसाइज करनी होगी जिससे आपके शरीर से पसीना निकले । मोटापा कम करने के योगाभ्यास (खड़े होकर,बैठ कर,पेट के बल व पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले अनेक अभ्यास) देखकर सीख लें व प्रतिदिन ध्यान पूर्वक करें । योगाभ्यास सामर्थ्य अनुसार करें जबरदस्ती, हठधर्मिता न करें । शुरू में कुछ दिन केवल 20-30 मिनट तक ही करें । धीरे-धीरे समय अवधि बढ़ाएं । योगाभ्यास सुबह खाली पेट या शाम को खाने के साढे 4 घंटे बाद करें । योगाभ्यास के बाद में 15-20 मिनट का शवासन अवश्य करें ताकि रक्त संचार सामान्य हो जाए । भोजन योगाभ्यास के एक घंटे बाद करें ।
आदर्श वजन कितना हो?
आपके शरीर का वजन कितना हो इसके लिए स्वामी रामदेव एक सरल सा फार्मूला बताते हैं 'जितने इंच आपकी लंबाई उतना किलो आपका वजन' । मान लो आप की ऊंचाई 5 फुट 3 इंच है तो कुल लंबाई(12×5+3)= 63 इंच हो गई तो 63 किलो आपका अधिकतम वजन होना चाहिए ।
सावधान :
वजन घटाने के चक्कर में शरीर के साथ अत्याचार मत करें । हाड तोड़ अति एक्सरसाइज करना,भूखे रहना आदि अनुचित कार्य न करें अन्यथा परिणाम स्वरूप हानियां व परेशानियां आपको भुगतनी पडेंगी । यदि आप शरीर पर अत्याचार करते हैं तो बाद में शरीर आप पर अत्याचार करेगा । प्राकृतिक व सुरक्षित तरीके ही अपनाएं । एक्सरसाइज सामर्थ्य अनुसार ही करें । वजन घटाने के लिए दवाओं का सहारा न लें |
महत्वपूर्ण बातें :
1. जिस मशीन से जिस स्थिति में आपने अपना वजन चैक किया हो उसी मशीन से उसी स्थिति में प्रतिमाह वजन चैक करें ताकि वजन की शुद्ध माप हो सके । मशीन बदल जाने पर एक-आधा किलो का अंतर आ सकता है ।
2.कई बार ऐसा होता है कि वजन घटाने के लिए आपने प्रयास शुरू कर दिया । सब कुछ बहुत अच्छा किया । आपको अपने शरीर में बहुत अच्छा महसूस भी हुआ-हल्कापन सा,मन खुश सा,चुस्ती-फुर्ती-ताजगी सी । परंतु दो माह बाद भी आपका वजन नहीं घटा तो परेशान हो जाते हैं,तनाव में आ जाते हैं,निराश होकर प्रयास छोड़ देते हैं । इसके लिए एक बात ध्यान से समझें- शुरू के कुछ महीने वजन नहीं घटेगा वजन की बढ़ोतरी घटेगी । एक बार आदर्श वजन प्राप्त करने के बाद खानपान पर ध्यान व हल्की फुल्की एक्सरसाइज से ही आपका वजन हमेशा नियंत्रित रहेगा ।
पुष्पेंद्र कुमार सैनी (प्र0अ0)
प्राथमिक विद्यालय मानकपुर
थानाभवन (शामली)