कृष्ण पधारों आज फिर,
छेड़ों मुरली तान ।
हे गिरिधर हे मोहना,
हे सबके भगवान ।।
वाट जोहती गाय माँ,
सूने यमुना तीर ।
नंद नंदन आ करके,
हरो सभी की पीर ।।
घूम रहे हैं आजकल,
दानव इंसां वेश ।।
भार हटाओ धरा से,
हरो सभी के क्लेश ।।
- व्यग्र पाण्डेय
कर्मचारी कालोनी,
गंगापुर सिटी, स.मा.
राजस्थान