युवाशक्ति

सृजन
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 युवाशक्ति को है नमन्,जो रचती इतिहास।

हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा,ऊँचा ज्यों आकाश।।

 

युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो विध्वंस।

युवा विवेकानंद है,है मानस का हंस।।

 

तूफ़ानों को जीतकर,ला दे नवल विहान।

युवा सदा गतिशील है,है वह मंगलगान।

 

भगतसिंह,सुखदेव है,युवा लगे ‘आज़ाद’।

हर बाधा से लड़ करे,युवा वतन आबाद।।

 

युवा जोश का नाम है,रखता नित विश्वास।

पराभूत नहिं हो युवा,अंतस रक्खे आस।।

 

युवा बदल दे देश का,सारा ही भूगोल।

युवा दिव्यता ले चले,रखे कर्म के बोल।।

 

युवा पुष्प-सा खिल करे,सृजित नवल मधुमास।

युवा-हृदय की चेतना,करे अमंगल नाश।।

 

रहे अग्रसर नित्य ही,किंचित नहीं विराम।

युवा हक़ीक़त है मधुर,है व्यापक अभिराम।।

 

गौरवमय है हर युवा,रखता वंदन-योग।

पर उसके सामर्थ्य को,मिले न कोई रोग।।

 

लेकर के संकल्प नव,युवा करे उत्थान।

युवा देश का मान है,युवा देश की शान।।                  

 

         प्रो0 (डॉ0) शरद नारायण खरे

                   प्राचार्य

शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय,

मंडला (मध्य प्रदेश )      

 

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