कर्तव्यों का हमें बोध हो, अधिकारों को पाते जान।
अवगुण हों दूर हमारे, सद्चरित्र का होता निर्माण,
विकास का आधार शिक्षा, देश की बढ़ जाए शान।।
शिक्षा से अंधकार मिटे, घर घर में फैले उजियारा,
दान धर्म विज्ञान सिखाए, उन्नति का बने सहारा।
कैसे जीवन सुंदर जीएं और कैसे रहें हम स्वस्थ,
शिक्षा अनमोल खजाना, होता कल्याण हमारा।।
शिक्षा से मिले जीवन में, नैतिकता सद्गुण संस्कार,
मात पिता बड़ों गुरुजनों से, कैसे करें हम व्यवहार।
जीवन में नित आगे बढ़ने की, राह बताती शिक्षा,
अच्छी शिक्षा मिले हमें, न करें दायित्वों से इंकार।।
सत्पथ पर चलने की मिले प्रेरणा, बने नई पहचान,
शिक्षा से आडंबर कुरीतियों को मिटाना है आसान।
शिक्षित होकर राष्ट्र और समाज को हम दें नई दिशा,
अच्छी शिक्षा जिस देश की हो, वह सदा बने महान।।
अच्छी शिक्षा से समाज में रहे, सद्भाव व समरसता,
अच्छी आदतों का हो उद्भव, न आती हममें कटुता।
शिक्षा से ही मानवता का होता, हमारे हृदय में उद्गम,
हमें मिले ढेरों सी खुशियाँ, न होती कभी नीरसता।।
देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
बस्ती (उत्तर प्रदेश)