शब्दों का खूबसूरत रूप देकर
उकेर देती है कोरे कागज पर
कभी बन जाती कोई मधुर कविता
कहीं किसी की कहानी लिख जाती
हां कलम ही तर्क के तराजू पर तौलकर
सृजन कर देती अकाट्य सत्य कोई
उतर जाता सीधे,पढ़ने वाले केहृदय में
दे देती कोई मंथन, चिंतन करने वाले को
अति कठिन कार्य होता है पहचानना
और बचना इसकी असि सदृश धार से
इस अमूल्य कलम की ताकत को
प्रश्न लिखकर खोजने को कर देती विवश
उत्तर बनकर दे देती सांत्वना भी
शब्दों का अपरिमित संसार को रच देना
इसका क्षेत्र असीमित आकाश
शास्त्रों के उपदेश को विश्व में फैलाती
शस्त्रों के टंकार की भाषा सृजित करती
कभी वीरों की हुंकार बन जाती
वेद पुराण उपनिषद रच डाले इसने
गीता का ज्ञान भी सृजित हुआ कलम से
सनातन काल से ही सृजन कर रही है
हर भाषा में कभी धार्मिक ग्रंथ
कहीं लौकिक साहित्य अनमोल
किसी के मौन दुःख को दे देती भाषा
कभी हृदय के उल्लास को संजोती
कहीं कर देती मनोरंजन हर किसी का
शौर्य गाथाओं को इतिहास बनाया
हर लेखन की साक्षी रही यह कलम
स्वतंत्रता संग्राम की साहसी सेनानी बनकर
जन जन को जाग्रत करने का अद्भुत कार्य
स्वतंत्रता संग्राम की पावन बलिवेदी पर
बलिदान होने के लिए हिम्मत,विश्वास भरना
कलम की ताकत को सत्ता भी समझती है
कुछ भी कहने से पहले इसके सामने
हज़ार बार सोचती, स्वयं से तर्क करती है
अलका शर्मा
शामली, उत्तर प्रदेश