जीवन भर जो सीखे बच्चों
वो शिक्षक कहलाता है ।
पढ़ता लिखता और सिखाता,
नवाचार वो करता है ।
अपना धर्म सही निभा कर,
युग निर्माण करता है ।
पदचिन्ह पर उसके चलकर,
अपना जीवन धन्य करो ,
पा जाओगे अपनी मंजिल ,
कभी किसी नही डरो ।
अंधकार को दूर भगा दे ,
सही राह दिखलाता है,
जीवन भर जो सीखे बच्चों,
वह शिक्षक कहलाता है।।1।।
बच्चों में ऐसे खो जाता,
फिर से जीता अपना बचपन।
खेल कूद वो जम कर करता ,
उम्र चाहे हो चालीस पचपन।
गीत कहानी और नाटक से ,
बच्चों को वो देता ज्ञान ।
गिनती पहाड़े खूब रटाता,
बच्चों उसके कार्य महान।
जो रोते है नन्हे बालक ,
धीरे से वहलाता है ।
जीवन भर जो सीखे बच्चों,
वह शिक्षक कहलाता है।।2।।
एम डी एम में उलझ गया वो
आन लाइन कक्षाओं में ।
अपने मन की बात करे न ,
उलझा इन्ही कलाओं में।
इंटरनेट ने बदल दी ,
शिक्षा की परिभाषाएं ,
नई नई शिक्षण पद्धति से
शिक्षक सभी पढ़ाएं।
आन लाइन सब पढ़ लो बच्चों,
धीरे से फुसलाता है ।
जीवन भर जो सीखे बच्चों,
वह शिक्षक कहलाता है।।3।।
शिक्षक अपना वट वृक्ष है ,
बच्चे हैं शाखाएं ,
ज्ञान सरोवर इस बगिया में
डुबकी सभी लगाएं।
पा जाए सब अपनी मंजिल,
शिक्षक सब ये चाहें,
चुन लेगें सब काटें
आसान करें सब राहें।
पथ प्रदर्शक बन कर बच्चों का,
कभी नहीं घबराता है ।
जीवन भर जो सीखे बच्चों,
वह शिक्षक कहलाता है।।4 ।।
भगवत पटेल ’मुल्क मंजरी
जिला विद्यालय निरीक्षक ,जालौन
वृन्दावन कालोनी, लखनऊ