आओ कुछ दीप जलाएं

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आओ इस वर्ष प्यार का, नया प्रकाश फैलाऐं

कुछ दीप तुम जलाओ, कुछ दीप हम जलाएं

 

अंधियारे की बात ना हो अब, हर तरफ उजाला ही उजाला फैलाएं

कुछ आगे बढ़कर तुम आओ, कुछ आगे बढ़कर हम आएं

 

जो गलतियां हुई गत वर्षो में हमसे, अब उन्हें हम सुधार की ओर ले जाएं

मैं आपका आईना बन जाऊं, आप मेरे प्रतिबिंब बन जाऐं

 

आओ इस वर्ष प्यार का, नया प्रकाश फैलाएं,

कुछ दीप तुम जलाओ, कुछ दीप हम जलाएं

 

माँ बेटियों को भी कोई खतरा न हो इस देश में

कोई भी बेटी अब ना जलने पाए

 

और बेटों को भी दे संस्कार श्री राम जी के

मैं अपने बेटे को समझाऊं आप अपने बेटे को समझाएं

 

 आओ इस वर्ष प्यार का नया प्रकाश फैलाएं

 कुछ दीप तुम जलाओ कुछ दीप हम जलाएं

 

-सुखप्रीत सिंह "सुखी"

शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश

 


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