हमको कोई चाह नहीं
चाह नहीं परवाह नहीं.
हम तो चल पड़ते मस्ती में
भले दिखे कोई राह नहीं.
हम तो नन्हे मतवाले हैं
दिल के भी भोले -भाले हैं.
ऊपर से कोमल दिखते हैं
अन्तर में तूफ़ाँ पाले हैं.
सहनशक्ति है गजब हमारी
मुश्किल में भी मुस्काते हैं.
भेदभाव हम कभी न करते
सबको गले लगाते हैं .
हम सब फूल हैं रंग बिरंगे
देश हमारा फुलवारी है.
और हमारी भारत माता
हमें जान से भी प्यारी है.
ज़मीला खातून
झाँसी , उत्तर प्रदेश