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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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शुक्रवार, 10 सितंबर 2021

मेरा पैन्सिल प्रिन्टर

विषय:  गणित एवं विज्ञान

कक्षा: 6-8

आवश्यक सामग्री: चार 12 इंच लम्बाई की लकड़ी या प्लास्टिक की पटरियां या लकड़ी की पट्टियाँ, 7 आधा ईंच लम्बे  3 मी०मी० व्यास के नट- बोल्ट व 7 वाशर, एक लकड़ी का 1 इंच मोटा व 6x6 इंच आकार का लकड़ी या बोर्ड का टुकड़ा, एक पुराने प्रकार का पैंसिल लगाने का पेंच वाला होल्डर, पुरानी बोतलों के चार ढक्कन व एक मोटी कील या छेद करने के लिए कोई अन्य साधन इत्यादि।

 निर्माण की विधि:   सबसे पहले ली गयी पटरियों या लकड़ी की पट्टियों को एक 10 इंच, दो 9 इंच एक 6 इंच व एक 4 इंच का टुकड़ा तैयार कर लेंगे। अब एक 9 इंच व 4 इंच के टुकड़े को एक सिरे पर समकोण बनाते हुए मजबूती से छोटी कीलो या अच्छे गोंद की सहायता से चिपका देंगे  इसी प्रकार दूसरी 9 इंच की पटरी पर एक इतना मोटा छेद करना है कि इस छेद में एक खाली बाल प्वाइंट पेन या रिफिल (जिससे यह कुछ ना लिखे) मजबूती से फिट हो जाये। अब 4 इंच वाली पटरी के स्वतंत्र सिरे पर प्रकार का पैन्सिल होल्डर मजबूती से इस प्रकार लगायेंगे कि इसके अन्दर पैन्सिल को आसानी से लगाया व निकाला जा सके। अब हमे अपनी सभी पटरियों व लिये गये बोर्ड पर कुछ विशेष जगहो पर व लिए गये पेंच की मोटाई के छेद इस प्रकार करने है, 1. बोर्ड के एक कोने पर एक छेद, 2. एक 10 इंच की पटरी पर  दोनो सिरो पर एक एक छेद, व एक सिरे से 5.5 इंच की दुरी पर एक छेद, 3. दोनों 9 इंच वाली पटरियों पर एक-एक छेद स्वतंत्र सिरे पर व स्वतंत्र सिरे से एक-एक छेद 5.5 की दूरी पर और 4. पांचवी 6  इंच वाली पटरी पर दोनो सिरो पर एक एक छेद इस प्रकार करना है कि दोनो छेदो के बीच की दूरी 5.5 इंच रहे।

 बस अब इन सभी पटरियों को विशेष प्रकार से व्यवस्थित करना है, 10 इंच वाली पटरी का एक सिरा लिए गये बोर्ड के कोने पर चलायमान रूप से फिट करना करना है, अब इस 10 इंच वाली पटरी पर दोनो 9 इंच वाली पटरियों का स्वतंत्र सिरा भी चलामान रूप से इस प्रकार फीट करना है कि पैन्सिल होल्ड़र वाली पटरी सिरे की ओर व रिफिल वाली पटरी बीच में रहे। अब 6 इंच वाली पर पटरी इन दोनो 9 इंच वाली पटरियों के बीच वाले छेद में सिरे से लगा देंगे, इस प्रकार चार पटरियों की सहायता से बीच में एक 5.5 इंच     की वर्गाकार आकृति बन गयी है जो हमारे इस TLM  का मुख्य आधार है। अब इस पटरियों से बनी आकृति को बोर्ड़ के टुकड़े जितनी ऊंचाई प्रदान करने के लिए खाली बोतलो के ढ़क्कन बीच वाली आकृति के चारो कोनो पर बोर्ड वाली साईड़ अच्छे से चिपका देंगे। बस स प्रकार हमारा यह पैन्सिल प्रिन्टर तैयार है ।

प्रयोग की विधि:   प्रयोग करते समय इस TLM के पैन्सिल होल्डर में एक पैन्सिल व रिफिल वाली जगह रिफिल इस प्रकार फिट कर लेंगे कि लिखने वाला सिरा नीचे की ओर रहे व  पैन्सिल, रिफिल, ढक्कन एवं बोर्ड एक समान्तर रहे । अब जो चित्र कागज पर प्रिन्ट करना है व जिस कागज पर प्रिंट करना है दोनो को एक मेज पर या एक  सपाट जगह फैलाकर रखेंगे व इनके कोने पेपर टेप से चिपका भी देंगे जिससे यह अपनी जगह से हिले नहीं। अब इसके ऊपर यह TLM इस प्रकार रखना है कि बीच में वर्गाकार आकृति रहे, रिफिल उस चित्र पर रहे जो हमें प्रिन्ट करना है व पैन्सिल का ऊपरी सिरा हमारे दाये हाथ में व निचला सिरा कोरे कागज के बीच में व बोर्ड का टुकड़ा हमारे बायें हाथ के नीचे  रहे जिससे यह भी  भी अपनी जगह से हिले-डुले नहीं। बस अब हमे रिफिल चित्र की लाईनो पर चलाना है, हम देखेंगे कि जैसे-जैसे चित्र पर खाली रिफिल चलाया जा जा रहा है, वैसे वैसे पैन्सिल से चित्र कागज पर बनता जा रहा है, है ना मजेदार। 

सावधानियां: 1.निर्माण के समय पैन्सिल होल्डर, व रिफिल मजबूती से फिट करना है कि यह हिले-डुले नही, इनके अलावा पटरियों व बोर्ड के बीच का सम्पर्क चलायमान स्थिति में रहे, लेकिन ये अपना स्थान न छोड़े। 2. किसी भी पटरी या बोर्ड पर कोई भी नुकिला सिरा न रह जाये। 3. प्रयोग से पहले पैन्सिल को बारीक कर लेना चाहिए। 4. रिफिल या प्रयोग किया जिने वाला बॉल प्वाइंट पेन खाली हो अन्यथा हमारा चित्र गंदा हो जायेगा। 5. अधिक बड़े चित्र बनाने के लिए इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए, चित्र अधिकतम इतना ही बड़ा हो जितना बड़ा वर्ग इस TLM की चार पट्टीयों के बीच बन रहा है ।

विशेष:  जब बालक अपना कोई चित्र इस TLM से बनायेंगे तो उनके मन मे एक उत्सुकता उत्पन्न होगी कि यह किस प्रकार हो रह है, यह उत्सुकता इस TLM की सहायता से गणित में समान्तर रेखाओ व समान्तर चतुर्भुज के नियमों, एकान्तर कोणो व शिर्षाभिमुख कोणो के सम्बन्धो व साथ ही विज्ञान में बल, लिवर, घर्षण व सन्तुलन आदि सिद्धांतो को भी समझने व आत्मसात करने मे सहायता कर सकता है।

इस TLM का प्रयोग प्रोजेक्ट कार्य या कुछ जटिल चित्रों की शुरूआत करने के लिए ही करना चाहिए, पूरा चित्र बनाने के लिए नहीं, क्योकि एक तो पूरा बड़ा चित्र इसके द्वारा एक साथ बनानासम्भव नहीं हो पायेगा, परन्तु यह चित्र छोटे -छोटे भागो में बनाया जा सकता है, उदाहरण के लिए यदि हमें मानव पाचन तंत्र या भारत का नक्शा बनाना है तो पूरा चित्र एक साथ न बनाकर इसके अलग अलग भाग, या नक्शे में अलगअलग राज्य बना कर पूरा चित्र बना सकते है, यह इस TLM की एक सीमा है । दूसरी ओर इसका प्रयोग गणित व विज्ञान के सिद्धांत समझने के लिए तो ठीक है परन्तु सभी को चित्रों व नक्शे आदि  बनाने का अभ्यास स्वयं ही अपने स्वतंत्र हाथो से करना चाहिए, व विशेष रूप से बच्चों को इसका अधिक प्रयोग नही करना चाहिए, ऐसा करने से उनकी अपने हाथो की स्वतंत्र क्रियाशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता सकता है ।

नवीन कुमार शर्मा (..)

उच्च प्राथमिक विद्यालय (1-8), 

टपराना (ऊन), जनपद- शामली

 

 

 

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