हम भारत की बेटी

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 रहद पर मरना जानती

दुश्मनों को चीरकर

आगे बढ़ना जानती

देश पर कुर्बान हो जाती

हम भारत की बेटी।

        तूफानों से नही डरती

        अंगारों पर भी चलती

        मन मे शूल पड़े तो

        चट्टानों से टकरा जाती

        हम भारत की बेटी।

नसीबों से दुनिया मे आती

सौभाग्य से पाली जाती

हौसलों से राह तराशती

हर क्षेत्र मे पहचान बनाती

हम भारत की बेटी।

        संस्कारो मे पाली जाती

        माता पिता पर जान लुटाती

        हर फर्ज बखूबी निभाती

        दो कुलो को संवारती

        हम भारत की बेटी।

                         
प्रियंका पांडेय त्रिपाठी

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 

 

 

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