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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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मंगलवार, 1 जून 2021

स्वर्ग

 स्वर्ग  है  माँ  का  मातृत्व ,स्वर्ग  उसी  में  मिलता  है ,

माता  के  वात्सल्य  में , बचपन कोमलता  लिये खिलता  है ,

 

स्वर्ग  है  बाबुजी  का  आशीष ,  संस्कार  की  छठा  जिसमे  है ,

आचरण  का  वातावरण है , अनुशासन  की  घटा  जिसमे है ...

 

स्वर्ग  है भारत जन्मभूमि ,देश  के  लिये  होते  सब कुर्बान  है ,

तिरंगे  की  यहां  अपनी  है  मर्यादा , होती  अनोखी  शान  है ,

 

स्वर्ग है  यहां कि "अनेकता  मे  एकता "  वाली  संस्कृति ,

अलग  अलग  बोली ,भाषा,धर्म   फिर  भी  सब  एक  है ,

 

विविधता  है  अलग  अलग ,अलग  रीती  और  रिवाज 

बुद्धि ,कौशल  में  है  तेज , काम  उनका  आता  विवेक  है ,

 

स्वर्ग  यहां  की   देवभूमि  है ,स्वर्ग  यहां  की माटी  है ,

स्वर्ग  यहां पे  मनोरम  दृश्य  लिए ,अपनी  कश्मीर घाटी  है ,

 

स्वर्ग  है  धरा  वही  जहां  पे,   परम्परा  हो  सनातन  की  ,

पाप  और पुण्य के  कर्म  से , मोक्ष वाले  मनुष्य  तन  की ..

 

                                                                                              --कृष्णा  गुजराती

वाराणसी, उत्तर प्रदेश  

 

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