एक सीख

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 झूठ ,कपट व व्यभिचार।

देते कष्ट जीवन में अपार।।

                                    चुनौतियों को ,करो स्वीकार।

                                    करो सदैव ,सत्य को अंगीकार।।

कर्तव्य पालन, भी है जरूरी।

इसमें अब ,कैसी है मजबूरी।।

बच्चों निंदा से ,सदा मेरे यार ।

तभी तो होगा,  जीवन पार ।।

नेकी से मत करो,तुम किनारा ।

परोपकार  है ,जीवन का सहारा।।

न टूटे अब ,हौसला न हो हार।

बस हो जाएगा , जीवन पार ।।

बन चट्टान , इरादों भरी रफ्तार।

उम्मीदों  का करो ,अब विस्तार।।

दो तोड़ ,बधाओ की दीवार।

करो भेद भाव हीन व्यवहार।।

वृक्ष लताओं से  ,करो प्यार।

जो करते ,शुद्ध रक्त संचार ।।

याद रखो ,यह अबकी बार ।

न मिलता ,जीवन  बार बार।।

-अन्जनी अग्रवाल 'ओजस्वी'

सहायक अध्यापिका

उच्च प्राथमिक विद्यालय सेमरुआ

कानपुर नगर उत्तरप्रदेश

 

 

 

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