मेरा अब काम करेगा कौन।
जग में न अन्धेरा हो पाये
इसका ध्यान रखेगा कौन।।
सुन कर रवि की बात
किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया।
दुनिया की हर हस्ती ने
अपने सिर को झुका दिया।।
तब नन्हा दीपक चलकर
दृढ़ता के संग आगे आया।
"मैं हूँ न" कह कर सूरज को
उसने भरोसा दिलवाया।।
मेरे रहते इस दुनिया में
न अन्धकार हो पायेगा।
प्रयास करूंगा मैं ऐसा कि
तम असफल हो जायेगा।।
बोला मैं छोटा हूँ लेकिन
अपना कर्तव्य निभाऊँगा।
खुद जल जल कर रात रात भर
दुनिया में प्रकाश फैलाऊंगा।।
जमीला खातून
झाँसी, उत्तर प्रदेश