लचीला त्रिकोण

सृजन
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नवाचार का शीर्षक: "लचीला त्रिकोण”              

विषय:  गणित

कक्षा: 6-8

आवश्यक सामग्री: तीन समान लम्बाई की पटरियां या लकड़ी की पट्टियाँ, तीन आधा ईंच लम्बे  व 3 मी०मी० लम्बे नट- बोल्ट, एक मोटी कील या छेद करने के लिए कोई अन्य साधन इत्यादि।

 निर्माण की विधि:   सबसे पहले ली गयी पटरियों या लकड़ी की पट्टियों में दोनो सिरों पर छेद कर लेंगे, व साथ ही लम्बाई में बीचोबीच एक एक झीरी या बहुत से छेद कर लेंगे, इस कार्य के लिए कील को गर्म करके, या टांका लगाने वाले आयरन से या छोटी आरी या ड्रील मशीन यदि उपलब्ध है तो उसका प्रयोग कर सकते है अब इन पटरियों या फट्टियों को किसी भी छेद या झिरी के ऊपर आपस में रखकर नट बोल्ट से बन्द कर देंगे, बस इस प्रकार तैयार है हमारा लचीला त्रिकोण ।

प्रयोग की विधि:  प्रयोग से पहले हम इन पटरियों को अलग- अलग करके बच्चों को देंगे, अब इनसे कोई त्रिकोण बनाने के लिए कहेंगे तो बच्चे किसी भी छेद या झिरी का प्रयोग करते हुए यह कार्य कर सकते है, इतना करने के बाद बच्चे प्रत्येक भुजा की लम्बाई पटरियों पर देखकर ज्ञात कर सकते हैं और यदि हमने लकड़ी की फट्टियों का प्रयोग किया है तो यह कार्य एक अन्य पटरी का प्रयोग करते हुए कर सकते है । साथ ही साथ चान्दे का प्रयोग करते हुए तीनो कोणो का मान भी ज्ञात करा लेंगे ।

      इसी प्रकार अन्य छेदो या झिरियों का प्रयोग करते हुए भी यही कार्य कर सकते है, जिससे बच्चे इस एक ही उपकरण से बहुत से त्रिकोण बना पायेंगे व हर बार इनकी भुजाओं की लम्बाई व कोणो का मान जान पायेंगे । यह कार्य करते हुए बच्चे स्वयं करके देख पायेंगे किकिन्हीं विशेष भुजाओ की लम्बाई के लिए कोणो का विशेष मान होता है व तीनो कोणो का योग हमेशा 180 डिग्री ही आयेगा । साथ ही बच्चे यह भी जान पायेंगे कि यदि हम किसी भुजा की लम्बाई कम करते है तो हम केवल उसी अनुपात में अन्य भुजाओं की भी लम्बाई कम करने पर ही वही कोण प्राप्त कर सकते है जो पहले थे इसी क्रम में वे यह भी अनुभव कर पायेंगे कि त्रिकोण की आकृति सबसे मजबूत होती है, व इसी प्रकार त्रिकोणो से सम्बन्धित अन्य नियमो का भी अन्य अनुभव कर पायेंगे।

सावधानियां: प्रयोग से पहले बच्चों को त्रिकोण से सम्बन्धित कुछ सामान्य नियम पता होने चाहिए, जिससे वे उत्सुकता पूर्वक यह क्रिया विधि कर सके । इसके अतिरिक्त पटरियों या फट्टियों में कोई नुकीला भाग यदि हो तो उसको सैन्ड पेपर से घिसकर ठीक कर लेना चाहिए, नट बोल्ट अधिक टाईट नही होने चाहिए, ये कम प्रयास से खुल या बन्द हो पाये, ऐसे होने चाहिए।

विशेष:  ज्यमिती का अध्ययन एक रोचक विषय है परन्तु यदि केवल सैधांतिक विधि से ही अध्यापन कराते रहे तो यह विषय को बोझिल कर देता है, प्रयोग करते हुए जब बच्चे स्वयं करके सीखते है तो यह विषय को रोचक तो बनाता ही है साथ ही प्राप्त किया हुआ ज्ञान स्थायी भी होता है, व बच्चे इसे अपने दैनिक जीवन में प्रयोग भी कर पायेंगे।

विभिन्न बड़े निर्माण जैसे बडे पुल, मोबाइल व बिजली के टावर, बड़ी टिन शेड़  के ढांचे इत्यादि में त्रिकोण आकृतियों का क्या महत्व है, इस तथ्य को बच्चे आत्मसात कर पायेंगे, व इसका प्रयोग करते हुए कुछ मजबूत प्रतिमानों का निर्माण कर पायेंगे।

नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)

उच्च प्राथमिक विद्यालय (1-8), 

टपराना (ऊन), जनपद- शामली

 

 

 

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