कक्षा: 1-8
आवश्यक सामग्री: लकड़ी की पट्टियाँ, प्लाई बोर्ड का टुकड़ा, परावर्तक दर्पण, पारदर्शी कांच की सीट, एल ई डी बल्ब की स्ट्रिप, छोटे एल ई ड़ी बल्ब, 9 वोल्ट की तीन बैटरियां , कुछ स्विच, पढाया जाने वाले प्रकरण का सुन्दर चित्र, छोटी कीले, फेवीकोल, स्केच पैन, पैंसिल, पटरी एवं इंच टेप इत्यादि।
निर्माण की विधि: “प्रकाश के पार करने की क्षमता के आधार पर पदार्थों को तीन प्रकार में वर्गीकृत कर सकते है, पारदर्शी, अपारदर्शी एवं पारभासी। पारदर्शी शीशे या परावर्तक शीशे के जिस ओर प्रकाश रहता है उस ओर से दूसरी ओर देखना कठिन होता हे परन्तु अन्धेरे वाली ओर से प्रकाश वाली ओर देखना सरल होता है, इसी प्रकार पारभासी माध्यम के पिछे की ओर यदि प्रकाश है तो ओर इसके पिछे सटाकर कोई चित्र लगाया गया है तो इसे भी देखा जा सकता है। इस मैजिक फ्रेम को बनाने के लिए इसी सिद्धांत का प्रयोग किया गया है”।
इस फ्रेम को बनाने के लिए सबसे पहले 10x14x2 इंचल के आकार का एक प्लाई बोर्ड व लकड़ी की पट्टियों से एक फ्रेम तैयार करेंगे, सामने की ओर उचित माप का परावर्तक दर्पण व दर्पण के पीछे की तरफ लकड़ी की साईड वाली पट्टियों पर एल ई ड़ी स्ट्रिप लगायेंगे व इससे पीछे पारदर्शी शीशे की सीट लगायेंगे। शीशे के पीछे प्रकरण का चित्र जिसके ऊपर सफेद कागज की सीट लगा दी जाती है एवं चित्र के विशेष बिन्दुओं के पीछे छोटे एल ई ड़ी बल्ब थर्माकोल
प्रयोग की विधि: इस फ्रेम में सामने की ओर परावर्तक दर्पण लगा होने के कारण हमें अपना या फ्रेम के सामने का प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। चित्र के ऊपर लगाये गये सफेद कागज पर चित्र के विशष बिन्दुओ को लेबल कर सकते है, जिसके पीछे का चित्र सामान्य रुप से दिखाई नही देगा परन्तु जब-जब कोई विशेष बल्ब दीप्त किया जायेगा चित्र के सामने की सफेद सीट पर प्रकाश के कारण यह चित्र दिखाई देगा और बल्ब को अदिप्त करने पर सफेद सीट पर चित्र दिखाई नहीं देगा । यदि हमने चित्र के सामने सफेद सीट नही लगाई है तो पुरे चित्र को एक साथ दीप्त करने के लिए साईड वाली एल ई डी स्ट्रिप दीप्त कर देंगे, जिससे पूरा चित्र एक साथ दीप्त हो जायेगा।
सावधानियां: बनाया गया फ्रेम प्रयाप्त मजबूत हो व इसके अन्दर प्रयोग किये गये शीशे की सीट के किनारो व कोनो को रेगमाल से घिस देना चाहिए। बल्बों को सावधानी पूर्वक सही बिन्दुओं के पिछे लगाना चाहिए। बल्बों को दीप्त करने में अधिक बैटरी व्यर्थ न हो यह ध्यान रखना चाहिए। निर्माण के समय बबी-बीच में बल्ब ठीक है या नही, एवं सही प्रकार लगे है यह देख लेना चाहिए।
विशेष: अचानक से अपने प्रतिबिंब के स्थान पर एक स्विच दबाते ही कोई चित्र देखकर बच्चे रोमांचित हो जाते है ।इस मैजिक फ्रेम का प्रयोग प्रकरण के अनुसार विज्ञान, भूगोल व अन्य सभी विषयों में भी कर सकते है, परन्तु विज्ञान व भूगोल मे विशेष रूप से कर सकते है जैसे विज्ञान में मानव शारीरिकी से सम्बन्धित किसी प्रकरण जैसे श्वसन, पाचन, कंकाल तंत्र इत्यादि व इनके विभिन्न भागो को समझाने व छात्रों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कर सकते है, व इसी प्रकार भूगोल में किसी नक्शे जैसे भारत या विश्व या अपने प्रदेश के विशेष बिन्दुओं को दिखाने के लिए कर सकते है।
“आवश्यकता के अनुसार किसी प्रकरण के अनुसार पूर्ण या विशेष बिन्दुओं को देखकर बालको की मानसिक स्थिति के अनुसार व प्रकरण की सरलता या जटिलता के अनुरूप यदि अधिगम किया जा रहा है, तो उनके लिए लाभदायक हो सकता जिसमें इस प्रकार का नवाचार विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है ।“
नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)
उ०प्रा० विद्यालय (1-8),
टपराना (ऊन), शामली