आज अचानक दादा जी को
बड़े जोर का गुस्सा आया।
कितना बड़ा अनर्थ करते हो
अब तक तुम्हें समझ न आया।।
बोले दादा, तुम सब बच्चे
पानी बहुत अधिक फैलाते।
एक घूँट पानी पी करके
पूरा गिलास व्यर्थ लुढकाते।
एक बाल्टी में नहा सकते हो
पर चार चार बाल्टी फैलाते।।
घंटों जैट पम्प चला कर
सडकों पर पानी फैलाते।
अपने माता पिता को तुम सब
पानी का महत्व क्यों नहीं समझाते।
यही चला तो एक दिन पीने का
सारा पानी खत्म हो जायेगा।
मानव का जीवन नष्ट हो जायेगा।।
मैंने बोला सॉरी दादा जी,
अब हम ऐसा नहीं करेंगे।
हम सारे बच्चे मिल करके
एक नयी शुरुआत करेंगे।।
पानी की हर बूँद बचा कर
उसका सही उपयोग करेंगे।।
जमीला खातून
झांसी उत्तर प्रदेश