शिक्षा जीवन का आधार

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शिक्षा हैं अनमोल रत्न,

पढनें का सब करें प्रयत्न।

इसके बिना जीवन निराधार,

ज्ञान चक्षुओं का आधार।।

 

शिक्षा चलती जीवन प्रयन्त,

इसके मूल्यों का ना होता अंत।

शिक्षा ही ज्ञान की ज्योति,

प्रज्वलित करती जीवन दीपक।।

 

चर-अचर,सत्य-असत्य का भेद कराती,

ज्ञानी-अभिमानी की पहचान कराती।

सबको समान अधिकार दिलाती,

प्रतिक्षण ज्ञान-अज्ञान का बोध कराती।।

 

शिक्षा मनु-पशु का अन्तर कराती,

स्त्री-पुरूष में समानता लाती।

समान भाव सबको सिखलाती,

प्रगति की मशाल जलाती।।

 

शून्य से अतंरिक्ष तक का पाठ पढाती,

धर्म-अधर्म का अन्तर सिखलाती।

अंक-शब्द-लिपी-योग का भान कराती,

गुरू-शिष्य-सम्बन्धों में ताल बिठाती।।


 देश-विदेशों की भाषा-संस्कृति-संगीत का,

मेलजोल का शिक्षा ही तो ज्ञान कराती।

ग्रन्थों की गुरूवाणी में अमृत सा पान कराती,

ऊँच-नीच के अन्तर को शिक्षा ही मिटाती।।

 

शिक्षा ही तो है जीवन का आधार,

जिससें मिले सबको जीनें का अधिकार।

शिक्षा का ना होता कभी भी अन्त,

जन्म से मृत्यु तक शिक्षा चलती अनंत ।।

 

- नीतू सिंह(स.अ.)

शामली 

 

 

 

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