जन्म: 23 मार्च 1953
जन्मस्थान: बंगलौर
वर्तमान में: भारतीय महिला व्यवसायी, टेक्नोक्रेट, अन्वेषक और बायोकॉन की संस्थापक, सिनजीन इंटरनेशनल लिमिटेड और क्लिनिजीन इंटरनेशनल लिमिटेड की अध्यक्ष
किरण मजूमदार-शॉ ने शहर के बिशप कॉटन गर्लस हाई स्कूल में (1968) अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उन्होंने मॉल्टिंग और ब्रूइंग पर बैलेरैट कॉलेज, मेलबोर्न यूनिवर्सिटी, (1975) से स्नातक स्तर की पढ़ाई की।
उन्होंने 1978 में बायोकॉन को शुरू कर दिया और उत्पादों के अच्छी तरह से संतुलित व्यापार पोर्टफोलियो तथा मधुमेह, कैंसर-विज्ञान और आत्म-प्रतिरोध बीमारियों पर केंद्रित शोध के साथ इसे एक औद्योगिक एंजाइमों की निर्माण कंपनी से विकासित कर पूरी तरह से एकीकृत जैविक दवा कंपनी बनाया | खोज अनुसंधान हेतु विकास सहायक सेवाएं प्रदान करने के लिए सिनजीन (1994) और नैदानिक विकास सेवाओं को पूरा करने के लिए क्लिनिजीन (2000)।
इस क्षेत्र में अपने अग्रणी कार्यों के लिए उन्होंने भारत सरकार से प्रतिष्ठित पद्मश्री (1989) और पद्म भूषण (2005) समेत कई पुरस्कार अर्जित किए हैं। जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके द्वारा लीक से हट कर किए गए कार्यों को कॉर्पोरेट दुनिया में बहुत ही सम्मान दिया गया है तथा इससे भारतीय उद्योग और बायोकॉन दोनों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। हाल ही में टाइम पत्रिका के दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में इनका नाम भी शामिल किया गया था। वे दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की फोर्ब्स की सूची और फाइनेंशियल टाइम्स के कारोबार में शीर्ष 50 महिलाओं की सूची में भी शामिल हैं।
उनके अनुसार- "उद्देश्यपरक और चुनौती झेलने की भावना के साथ सपने का पीछा करना ही सफलता है। सफलता को प्राप्त करने का कोई आसान रास्ता नहीं है और न ही मेहनत का कोई विकल्प है। मेरा यह भी मानना है कि अलग तरीके से काम करना भी सफलता का मंत्र है - मजबूती से खड़े होने के लिए कुछ अलग करने की हिम्मत होनी चाहिए।
वे एक नागरिक कार्यकर्ता के रूप में, बंगलौर शहर के विकास के लिए बंगलौर एजेंडा टास्क फोर्स (बीएटीएफ (BATF)) जैसे विभिन्न कार्यक्रमों से वे जुड़ी हुई हैं।
किरण मजूमदार-शॉ को निक्की एशिया पुरस्कार (2009) समेत, क्षेत्रीय विकास के लिए एक्सप्रेस फार्मसूटिकल लीडरशिप समिट अवार्ड (2009), सक्रिय उद्यमी के लिए, इकोनॉमिक टाइम्स का 'साल की महिला व्यवसायी' (2004) का पुरस्कार, एशिया के आर्थिक विकास के लिए क्लिक्क्वाट वयूवे इनिसिएटिव पुरस्कार, जीव विज्ञान और स्वास्थ्य देखभाल के लिए अर्न्स्ट एंड यंग का साल का उद्यमी (2002) पुरस्कार, व्लर्ड इकोनॉमिक्स फोरम द्वारा 'टेक्नोलॉजी पायोनियर' की मान्यता तथा इंडियन चैंबर्स का जीवन भर की उपलब्धियों का पुरस्कार मिला।
स्रोत: विविध