अपनी बात
आगामी आठ मार्च को हम अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने जा रहे हैं | विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन, साज-सज्जा और व्याख्यान आदि… | यह सब कुछ तब व्यर्थ लगने लगता है जब समाचार-पत्रों में पढने को मिलता है कि अमुक नगर में दहेज़ के कारण विवाहिता को जला दिया गया या अमुक गाँव में एक तरफ़ा प्रेम में किसी लड़की की हत्या कर दी गयी या फिर किसी कस्बे में मनचलों की हरकतों से परेशान होकर किसी होनहार छात्रा को अपनी पढाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ी | और यह किसी एक-आध दिन की बात नही | किसी भी दिन का कोई भी समाचार पत्र उठाकर देख लीजिये | एक-दो समाचार तो ऐसा पढने को मिल ही जायेगा |
लेकिन यह सन्तोष की बात है कि वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार अपराधों के प्रति सख्त रुख अपनाए हुए है | इससे थोड़ी संख्या में ही सही लेकिन महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कुछ तो कमी अवश्य आयी है | आवश्यकता है कि हम सब भी सरकार के प्रयासों में उसका सहयोग करें | बालिकों और महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को शून्य तक तक गिराना है तो समाज के सभी वर्गों को एक साथ मिल-जुलकर अपने अपने क्षेत्र में अपने-अपने तरीके से कार्य करना होगा | माँ-बाप बच्चों को अच्छे संस्कार दें , शिक्षक वर्ग बच्चों को भारतीय आदर्शों वाली शिक्षा प्रदान करें जिनमे नारी को गरिमामय स्थान प्राप्त है | सरकार बालिकाओं को भयमुक्त वातावरण प्रदान करें और पुलिस अपराधियों को तुरन्त पकड़कर न्यायालय में प्रस्तुत करे |
आशा है इस नवीन वर्ष में देश की बालिकाएँ अधिक सुरक्षित और स्वावलम्बी बनेगीं | होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ |
-जय कुमार