हे प्रभु

सृजन
0

हे प्रभु संसार में सबको बुद्धि ज्ञान दे

शांति चारों ओर रहे प्रेम का वरदान दे।

 

 आओ मिलकर बांट लें सबकी खुशियां सबके गम
 मानव मानव एक हों,एक बने सब तुम और हम
 नेक राह सबको दिखलाये ऐसा एक जनगान दे
 हे प्रभु.......


देखो ऊँचे नीलगगन में लाखों तारे संग हैं
हिन्दू ,मुस्लिम,सिख,ईसाई एक लहू का रंग है
पँख भले हों अलग हमारे एक आसमान दे
हे प्रभु....


कोई बेसहारा हो उसका तू सहारा बन
हो अंधेरा जो कहीं चाँद और सितारा बन
जगमग हो सारा जहां ऐसा रोशन ज्ञान दे
 हे प्रभु संसार में सबको बुद्धि ज्ञान दे
 शांति चारों और रहे प्रेम का वरदान दे।

                                                                           -  उमा शर्मा 
शामली, उत्तर प्रदेश 

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!