.

सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

नवीनतम

गुरुवार, 11 मार्च 2021

मंहगाई की विदाई

मंहगाई ने दिखलाई अपनी चाल ।

इस वर्ष तो तूने कर दिया कमाल ।।
            खून पसीने की कमाई  को ।
            उड़ाने में पल भर नही लगाती।।
चला ख़ंजर अपने आतंक का ।
सीने में हो तुम चुभाति ।।
            खाकर टैक्स और  जी एस टी ।
            डुबाती जीवन की सबके कश्ती।।
क्यों करती हो अत्याचार बरबस।
तान मंहगाई का बाण  तरकस ।।
            हाय रे मंहगाई कैसी आफत ढाई ।
            इंसा के जीवन को कर दिया दुखदाई।।
खा खा कर होती जा रही हो मोटी।
फिगर की क्यों नही करती कटौती।।
            जरा रखों खूबसूरती का ख़्याल ।
            बेख़ौफ़ न चलो तुम अपनी चाल।।
इतरा रही अब तो  रोटी दाल ।
जुल्म ढाह रही तुम बेमिसाल।।
            गरीब और मध्यम वर्ग भी बेहाल ।
            न कह पा रहे वो  अब अपना हाल   ।।
अब इस वर्ष तू हो जा  विदा ।
नही यहाँ कोई तुझ पर फिदा ।।

                                                              -अंजनी अग्रवाल

कानपुर, उत्तर प्रदेश 

 

सर्वाधिक लोकप्रिय