.

सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

नवीनतम

शनिवार, 23 जनवरी 2021

कुछ ऐसा होना चाहिए

बढ़ रहा अधर्म अब तो,

नाश होना चाहिए

अब जगत में ब्रह्म का,

अवतार होना चाहिए


रास जिसके साथ रचा लें,

साथ ऐसा चाहिए।

गोपियां फिर वही हों,

कृष्ण वैसा चाहिए।


देश प्रेम दिल में जिसके,

औलाद ऐसी चाहिए।

मजहबी भेद न उपजे,

सोच ऐसी चाहिए।


दें समान दर्जा सभी को,

लोग ऐसे चाहिए।

सत्य की राह चलें सब,

जिगर ऐसा चाहिए।


देश द्रोही और गद्दार,

न हमें अब चाहिए।

प्रेम का सब बीज रोपें,

बैर न होना चाहिए।


द्वार पर पहरे नहीं हो,

राज ऐसा चाहिए।

साज़िशो से दूर हो रिश्ते,

दोस्त ऐसे चाहिए। 


दिल मिले ना भले ही,

पर साफ होने चाहिए।

दुख दर्द से जो पसीजे,

दिल ऐसे  चाहिए ।


झूठ पे सत्ता का शासन,

होना कभी न चाहिए।

मां-बाप की इज्जत करें,

संस्कार ऐसे चाहिए


सामान् से ज्यादा हमें,

इंसान की कीमत चाहिए।

शान- शौकत और दिखावा,

अब हमें ना चाहिए।


हौसले बुलंद हो जिनके,

वीर ऐसे चाहिए।

सबको मिले यहां निवाला,

बँटवारा ऐसा चाहिए।


धर्म सबका एक हो,

अधर्म न होना चाहिए।

                                     

                                                           डॉ० वंदना शर्मा

फरीदाबाद, हरियाणा 

 

 

 

सर्वाधिक लोकप्रिय