खेल-खेल मे ना जाने कब निकल जाता साल,
हँसते-खेलते,हँसते-रोते बीत जाता हर साल,
व्यस्त सी जिन्दगी मे पुराना हो जाता नया साल।।
खट्टी-मीठी यादों के संग बीत गया साल,
नयी- नयी उमंगें भरकर लाया नया साल,
कितना सुन्दर लुभावना लगता नया साल,
अच्छे-बुरे लम्हें लेकर आता हर एक साल।।
नयें-नयें स्वपनों से सजकर आता नया साल,
अच्छा-अच्छा सब कुछ करना सोचें हर बार,
छूट गया जो पछले वर्ष कर लेगें इस बार,
कभी हो जाता पूरा कभी रह जाता हर बार।।
इस बार भी नये वर्ष पर कामना है मेरी,
सबका अपार खुशियाँ संग आये ये साल,
मिल जाएँ सबकों जिसकी है प्रतीक्षा इस बार,
सपनें सभी सबके हो साकार प्रभु इस बार।।
सूरज की तरह चमकें,तारो के जैसे झिलमिलाएँ,
सुख-शान्ति-स्वास्थ्य-सफलता मिले इस बार,
बालिका हमारे समाज की सबल- सुरक्षित हो,
नारी सशक्तिकरण से देश मजबूत हो इस साल,
ऐसी शुभकामनाओं के साथ नववर्ष मुबारक बार-बार।।
नीतू सिंह(स.अ.)
शामली, उत्तर प्रदेश