सर्द की बरसात का
ठिठुरन भरी रात का
कोहरा छुपा प्रभात का
अंदाज ही कुछ ओर है ।
छत पर बैठे परिवार संग
बिखरे रवि किरणों के रंग
धूप-छाँव की जंग का
अंदाज ही कुछ ओर है ।
कपड़ों की परतें चँढ़ा
स्वयं को कैसा मँढ़ा
जर्सी सूटर कोट का
अंदाज ही कुछ ओर है ।
पानी से उठती भाप का
हर हर हर के जाप का
भीगे कान हुए स्नान का
अंदाज ही कुछ ओर है ।
गुड़ मूंगफली के स्वाद का
खीच की फरियाद का
तिल-गजक की याद का
अंदाज ही कुछ ओर है ।
व्यग्र पाण्डेय
गंगापुर सिटी, राजस्थान