मेरा भारत महान

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विश्व गुरु की उपाधि से विभूषित

ऐसा यह मेरा भारत देश महान है

इसकी गोदी में जन्म लिया मैंने

मुझे अपनी माटी परअभिमान है ।।

           पित्राज्ञा, भातृस्नेह,वात्सल्य की

           प्रेम गंगा सदा यहाँ पर बहती है

           कथा मर्यादा पुरुषोत्तम राम की

           जहाँ घर- घर में गाई जाती है ।।

इक तिनके से माता सीता ने

अभिमानी रावण को डरा दिया

चकनाचूर किया दर्प रावण का

सोने की लंका को भी जला दिया।।

           पृथ्वीराज चौहान जैसे वीरों ने

           इसी पावनधरती पर जन्म लिया

           बिना आँखों ही तीर चलाकर

           दुष्ट गौरी का सीना छलनी किया।।

आल्हा ऊदल की वीरता के

किस्सें भारत में सुनाए जाते हैं

मातृभूमि की रक्षा की खातिर

महाराणा घास की रोटी खातें है।।

            पद्मावती को पाने की लालसा से

            खिलजी ने भयंकरउत्पात मचाया

            वीर नारियों संग जौहर कर लिया

            पतितवह आँचल भी नहीं छूने पाया।।

यमलोक तलक पीछा नहीं छोडें

सती सावित्री जैसी भारतीय नारियाँ

पति के प्राण वापस लेकर ही लौटी

अटल प्रतिज्ञा,विश्वास की कहानियाँ ।।

            मातृभूमि की रक्षा की खातिर

            वीर सीने पर गोली खातें हैं

 .         अपने हाथों से फांसी का फंदा

           गले में डाल हँसते हुए झूल जाते हैं।।

वीरों की जननी भारतभूमि मे

अनकहे अनसुने ऐसे भी किस्सें हैं

पढने में जन्म कम पड जाएगा

इतना गौरवशाली इतिहास समेटे हैं।।

 

अलका शर्मा स०अ०

कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय भूरा

कैराना, शामली

 

           

 

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