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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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शनिवार, 23 जनवरी 2021

मेरा घर सबसे प्यारा

                  

सबसे न्यारा,सबका दुलारा,

मेरा घर सबका प्यारा ।

आँगन में तुलसी का पौंधा,

लगता बहुत ही प्यारा ।

मिलजुल सब रहतें इसमें,

सभी में प्रेम अति न्यारा।

सबसे सुन्दर, सबसे अच्छा,

देखों यह घर हमारा।

भाई-बहन संग खेलूँ मैं,

घर की छटा निराली।

दादा-दादी,चाचा-चाची से,

मिलता प्रेम बहुत सारा।

मात-पिता के संग तो जैसे,

मिलता कुबेर खजाना।

सबसें अच्छा, सबसें सच्चा,

हर रिश्ता बडा ही प्यारा।

कहीं खेल लो,कहीं कूद लो,

मिलता यह सुख ही न्यारा।

बुआ हमारी बडी ही प्यारी,

रखतीं ख्याल हमारा।

गलती हो जाती हमसे कोई,

डाँट-प्यार मिलता बहुत सारा।

सबसे न्यारा,सबका दुलारा,

मेरा घर सबका प्यारा ।।

                                            नीतू सिंह

 

 

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