"कौन कहता है कि नारी उड़ान भर नहीं सकती।
पंखों को अपने दिशा दे नहीं सकती।
सच्ची लगन दृढ़ निश्चय और उन्माद हो अगर सपनों में,
तो कोई दशा, कोई दिशा उसे रोक नहीं सकती।।
किसी भी चुनौती को हंसकर स्वीकार करने वाली आज की नारी हर क्षेत्र में आगे हैं ।भावात्मक रूप में वह कमजोर तो जरूर है पर आत्मनिर्भर भी है ।अपनी क्षमता के बल पर परिवार समाज में अपनी अलग पहचान बनाने वाली आज की महिला चुनौतियों का सामना भी करती हैं और संघर्षों से लड़कर जीत भी हासिल करती है ।
गणतंत्र दिवस की परेड में महिलाओं की सेना की टुकड़ी को सलामी देते हुए देखकर आज हमारा देश अत्यधिक गर्वित महसूस करता है।
एक बात तो है कि अमेरिका में भारतीय मूल की कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने व न्यूज़ीलैंड में केरल में जन्मी प्रियंका राधाकृष्णन के वहां की नई कैबिनेट में जगह बना लेने के बाद यह तो स्पष्ट है कि भारत की महिलाएं आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में अपनी जीत का परचम लहरा रही हैं। वे डॉक्टर इंजीनियर बैंकर या कोई नौकरी करके संतोष नहीं करना चाहती बल्कि अपनी बुलंदी को आसमान पर भी लिख रही हैं ।अपने दृढ़ निश्चय आत्मविश्वास एवं सफलता को सुनीता विलियम, कल्पना चावला जैसी सरीखी महिलाओं ने धरती क्या ब्रह्मांड में भी अपने आप को इंगित किया है।
यह जीत का सिलसिला यूं ही चलता रहे ,यूं ही नारी आत्मसम्मान के साथ अपनी सफलता के परचम को लहराती रहे।।
-सुनीता आर्य (स० अ० )