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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

नयी पीढी की नीव

                                    


जन्म बिटियाँ का होता जब जब,

हो जाते सब बहुत परेशान हैरान,

सोचा था क्या और क्या हो गया,

सपना जैसे कोई अधूरा रह गया।।


बिटियाँ के जन्म से मुश्किलें बढीं,

घर मे सभी के मुहँ जैसे ताले पडे,

पडोसियों का अन्दाज भी अलग हैं,

ऐसे देखते जैसे कोई आफत आयी।।


दिखावें का भी आज चलन भरपूर हैं,

बेटा-बेटी एकसमान तो दुख कैसा?

बेटियोँ पर बडे-बडे बैनर लिखवाना,

बेंटी के जन्म से पापी हृदय रखना।।


बेटी जो यह आयीं हैं हमारी नहीं परायी हैं,

इसकी पढाई पर पैसा लगाना बेकार हैं,

कुछ दिन बाद तो यह होने वाली परायी हैं,

बिटियाँ को ऐसे देखें जैसे शामत आयी हैं।।


जन्म से पहले ही कर लेते मारने की तैयारी,

बडी होते ही जो कर लेते बेटियों का कन्यादान,

इसके साथ ही शुरू हो जाती  नयी जिन्दगी,

आज की कन्या ही तो नयी पीढी की नींव हैं।।

 

नीतू सिंह(स.अ.)

क.उ.प्रा.वि.भूरा

कैराना(शामली)

 

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