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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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सोमवार, 9 नवंबर 2020

अपनी बात

 एक ऐसा समाज जहाँ नित्यप्रति ही नारी के प्रति अपराध होते हों उसे सभ्य समाज कैसे कहा जा सकता है | किसी भी दिन का समाचार पत्र उठाकर देख लीजिये कोई कोई ऐसा समाचार अवश्य मिल जायेगा जिसमे नारी के प्रति क्रूरता की गयी हो | माननीय मुख्य मन्त्री महोदय ने महत्वकांक्षी कार्यक्रममिशन शक्तिचलाया है | ये दर्शाता है कि वें नारी की सुरक्षा के प्रति कितने गम्भीर है | वैसे तो सभी प्रकार के अपराधों के प्रति उनका रवैया सख्त ही रहता है लेकिन नारी के प्रति अपराध करने वालों को तो वे बहुत कठोर सन्देश देते है | परन्तु फिर वही बात जाती है कि क्या केवल सरकार की सख्ती से ही अपराधों में कमी आएगी ? शायद नही | अपराधियों के प्रति हमें कदापि नर्म रुख नही अपनाना चाहिए | स्वयं श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि चाहे अपराधी और दुराचारी अपना सगा सम्बन्धी ही क्यों हो वो दण्ड का भागी ही होता है | महाभारत भी नारी के प्रति अपराध करने वालों को ही दण्डित करने के लिए हुआ था | प्रभु श्रीराम बेहद शान्त और गम्भीर स्वभाव वाले होते है | लेकिन नारी के अपराधी को दण्डित करने के लिए वे समुद्र के बीच से रास्ता बनाकर उस तक पंहुचते हैं | सौम्य आचरण वाले श्रीराम वनवासी के वेश में भी सदैव धनुष-बाण धारण किये रहते हैं | इससे सन्देश मिलता है कि हम चाहे कितने भी विनम्र स्वभाव वाले हों लेकिन दुराचारियों को कभी भी क्षमा नही किया जा सकता | आज राष्ट्र में क़ानून का साम्राज्य है | हम क़ानून को अपने हाथ में तो नही ले सकते  लेकिन क़ानून के हाथ तो मज़बूत कर सकते हैं उसकी सहायता करके |

दीपावली रही है जो हमें सन्देश देती है कि बुराई का अंधकार कितना भी घना क्यों हो एक एक दिन सत्य का प्रकाश अवश्य चमकता है | हमारे पूर्वजो के ज्ञान और आचरण का दिव्य प्रकाश सदैव हम सबके जीवन-पथ को प्रकाशित करता रहे यही प्रभु से कामना है | सभी को दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ |

                                                                                                                     -जय कुमार

 

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