लाया खुशियां बेशुमार ।।
घर-आँगन की साफ-सफाई
दीवारों की हुई पुताई
गली मौहल्ले दमके सारे,
सजावट लिए हाट-बाजार ।
आया दीपावली त्योहार ।।
रसगुल्लों के हैं हँसगुल्ले
जलेबी नवेली मारे ठल्ले
सोनपपड़ी सोनपरी सी,
करें सबका जो सत्कार ।
आया दीपावली त्योहार ।।
हम माटी के दीयें लगायें
स्वदेशी वस्तु अपनायें
दीप-पर्व पर देशप्रेम के,
सब गावें मंगलाचार ।
आया दीपावली त्योहार ।
लाया खुशियाँ बेशुमार ।।
- व्यग्र पाण्डेय