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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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सोमवार, 9 नवंबर 2020

आओ ये वादा करें

आओ आज खुद से ये वादा करें,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।
चाहे छा जाए अंधकार राहों में मगर ,
उम्मीद के चिराग जला चलते रहेंगे।
मंज़िल को पाने से पहले हम न थमेंगे,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।
चाहें दुनिया धूल में मिला दें हमें,
उठ खड़े होंगे धूल से तूफान बन कर।
ऐसे उठेंगे कि देखते रह जाए सभी,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।
उम्मीद के पंख लगा मंज़िल की ओर उड़ चलेंगे,
हर तूफान को चीर नभ को एक दिन छुएंगे।
चाहें पीछे खींचें कितना भी ये दुनिया,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।
चाहें कितनी भी बुरी परिस्थिति आए,
न रुकेंगे, न थमेंगें राह में हम कभी।
अटूट निश्चय और साहस का दम भरें ,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।
कांटों पे अगर चलना पड़े तो भी हम चलेंगे ,
मगर अपनी राह से कभी न हम डिगेंगे ,
न टूटेंगे , बिखरेंगे , न मायूस होंगे कभी ,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।
इस अनमोल जीवन का सम्मान हम करेंगे ,
जो मिला है ईश्वर से उसका आभार हम करेंगे।
खुद से किया ये वादा न भूलेंगे कभी,
न हारेंगें , न हार मानेंगे कभी।

-गुंजन कौशल

 

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