एक छोटा , नन्हा सा भालू,
बचपन से था बहुत ही चालू।
दादी माँ का था वो प्यारा,
घूमता पूरे दिन भर आवारा।।
पढ़ने-लिखने से था कतराता,
पिता से अपने बहुत घबराता।
मोबाइल का था,बहुत शौकीन,
खेलता मोबाइल पर गेम तीन।।
लुडू से था बहुत ज्यादा प्यार,
पबजी खेलते थे तीन यार।
साँप-सीढ़ी उसको बहुत भाता,
खाना खाना भी वो भूल जाता।।
मम्मी उसकी रहती थी परेशान,
करता था वो उन्हें दिनभर हैरान।
इन खेलो के खिलाफ था उनका राजा,
बैन किये गेम,बजा दिया सबका बाजा।।
मम्मी पापा को भा गया उनका उपाय,
लगता अब बच्चे मोबाइल से दूर हो जाएं,
नीरज त्यागी `राज`
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 09582488698
65/5 लाल क्वार्टर राणा प्रताप स्कूल के सामने ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश 201001