शहर-शहर और गाँव-गाँव में,
चर्चा आज यह आम हुआ,
खेलकूद और भागदौड़ में,
किसकी बिटिया का नाम हुआ।।
पी.टी.ऊषाऔर दीपा,हिमादास,
जैसी बिटिया ने देश का नाम,
स्वर्णिम अक्षर में चमका दिया,
बेटियाँ होती है मान देश का।।
कल्पना चावला सी बिटिया ने,
अन्तरिक्ष को जैसे जीत लिया,
सब ऐसी बिटिया पर मान करें,
बेटियों ने साहसिक ऐसे काम करें।।
कदम बढाती दिखती हर दिशा,
ऐसी बेटियों पर सारा देश फिदा,
आज तो सीमा पर भी है बेटियाँ,
हाँकी,क्रिकेट में भी नाम किया।।
पत्रकारिता में ये करती कमाल,
राजनीति में झण्डा गाड दिया,
कभी बनकर अफसर बिटियाँ,
देश की सेवा में भी काम किया।।
बेटी से ही है सम्मान देश का,
बेटी से ही अभिमान देश का,
बेटी से ही पूरा होता हैं परिवार,
बिन बेटी सूना रहता घर आँगन।।
-नीतू सिंह(स.अ.)