ममता की है मूरत, है मासूम सी सूरत,
प्यार से हैं प्यारी, बड़ी प्यारी हैं बेटियां।
धन्य हुए हैं हम , हमारे घर आई हैं बेटियां,
ईश्वर का सबसे अनमोल तोहफा हैं बेटियां।
इनकी मीठी बोली मिश्री कानों में घोले,
मुस्कान इतनी प्यारी कि दिल खुशी से है डोले।
खुदा करे कोई कभी न इनको रुलाए,
सारे जहां की खुशियां पाएं ये बेटियां, प्यारी-प्यारी बेटियां।
बड़ों के लिए आदर्श और सम्मान दिखाएं,
छोटों पे ममता व स्नेह लुटाएं।
परिवार को एक सूत्र में बांधती हैं बेटियां,
मुझको तो मेरी जान से प्यारी हैं बेटियां।
घर में लाए रौनक इनकी हंसी खिलखिलाती,
ये हैं घर की लक्ष्मी , इन्हीं से होली, इनसे ही दिवाली।
सारे जहां की बहार मेरे घर में हैं लाईं,
मुझको तो दो जहां से प्यारी हैं बेटियां।
चांद की है शीतलता इनमें,
पर सूरज का तेज भी है पाया।
दोगे अगर सम्मान तो शीतलता पाओगे,
अगर चाहोगे रोंदना इन्हें तो जल ही जाओगे।
लाखों फूलों की खूबसूरती, कोमलता का स्वरुप हैं,
पर कम़जोर समझने की ,कभी भूल न करना।
मौका पड़े तो अकेले सौ-सौ से भी लड़ेंगी,
अपनों पे अगर आए आंच तो इन्हें झांसी की रानी ही समझना।
अच्छी शिक्षा पाना हर बेटी का अधिकार है,
शिक्षित बेटियां हीं शिक्षित पीढ़ी का आधार हैं।
आओ सभी अपनी बेटियों को शिक्षित बनाएं,
इन्हें स्वाभिमान, आत्म-सम्मान दिलाएं।
-गुंजन कौशल