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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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गुरुवार, 3 सितंबर 2020

कपालभाति

 

यह एक संस्कृत शब्द है। 'कपाल' का मतलब होता है माथा, नियमित कपालभाति के अभ्यास से चेहरे पर  चमक आती है। चेहरे पर चमक होना स्वस्थ और निरोगी व्यक्ति की पहचान होती है। कपालभाति यह एक प्राणायाम का चमत्कारी प्रकार है जिसके कई सारे फायदे है।

  विधि:  

  एक समान, सपाट और स्वच्छ जगह जहा पर स्वच्छ हवा हो वहा पर कपड़ा बिछाकर बैठ जाए। आप सुखासन, पदमासन या वज्रासन में बैठ सकते है। आप चाहे तो आपको जो आसन आसान लगे या आप हमेशा जैसे निचे जमीन पर बैठते है उस तरह बैठ जाए।
बैठने के बाद अपने पेट को ढीला छोड़ दे। अब अपने नाक से सांस को बाहर छोड़ने की क्रिया करे। सांस को बाहर छोड़ते समय पेट को अंदर की ओर धक्का दे। श्वास अंदर लेने की क्रिया करने की जरुरत नहीं है। इस क्रिया में श्वास अपने आप अंदर लिया जाता है। लगातार जितने समय तक आप आसानी से कर सकते है तब तक नाक से श्वास बाहर छोड़ने और पेट को अंदर धक्का देने की क्रिया को करते रहे।

    शुरुआत में 10 बार और धीरे धीरे बढ़ाते हुए एक बार में 60 बार तक यह क्रिया करे।
आप चाहे तो बीच में कुछ समय का आराम लेकर भी इस क्रिया को कर सकते है।
कपालभाती से लाभ:

  * वजन कम  होता है। भारत में ऐसे कई लोग है जिन्होंने कपालभाती से अपना 30 से 40 किलो वजन काम किया है।

  * पेट की बढ़ी हुई अतिरिक्त चर्बी कम होने में सहायक है। यह आपके कमर के आकार को फिर से सामान्य आकार में लाने में मदद करता है।
* चेहरे की झुर्रिया और आँखों के निचे का कालापन दूर कर चेहरे की चमक फिर से लौटाने में मदद करता है।
 * गैस, कब्ज और अम्लपित्त  की समस्या को दूर भगाता है।
 * शरीर और मन के सारे नकारात्मक तत्व और विचारो को मिटा देता है।
 * शरीर को
detox करता है।
 * स्मरणशक्ति को बढ़ाता है।
 * कफ विकार नष्ट होते है और श्वासनली की सफाई अच्छे से होती है।
 * इस क्रिया से रक्त धमनी की कार्यक्षमता बढाती है और बढ़ा हुआ
cholesterol को काम करने में मदद होती है।
 
कपालभाति में  सावधानियाँ :
    * कपालभाती सुबह के समय खाली पेट, पेट साफ़ होने के बाद ही करे।
 * अगर खाना खाने के बाद कपालभाती करना है तो खाने के 3 से5 घंटे बाद इसे करे।
* कपालभाती करने के बाद 30 मिनिट तक कुछ न खाए। आप चाहे तो थोड़ा पानी ले सकते है।
 * शुरुआत में कपालभाती किसी योग एक्सपर्ट की देखरेख में ही करे।
 * गर्भवती महिला,
Gastric ulcer, Epilepsy, Hernia के रोगी इस क्रिया को न करे।
  * उच्चरक्तचाप और ह्रदय रोगी अपने डॉक्टर की सलाह से करें ।

 


पुष्पेन्द्र कुमार गोस्वामी  (स0अ0)
उच्च प्राथमिक विद्यालय अजीजपुर

ब्लॉक ऊन

जिला शामली 

 

 

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