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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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गुरुवार, 3 सितंबर 2020

मेरी सतरंगी स्लेट

विषय: विज्ञान

कक्षा: सभी के लिए उपयोगी।

आवश्यक सामग्री: एक गत्ते का टुकड़ा या कोई भी प्रयोग हो चुकी कार्य पुस्तिका, अलग- अलग रंग के कागज, चिपकाने वाली टेप, चिपकाने के लिए विशेष पदार्थ व प्रयोग करने हेतू अलग- अलग रंग के व्हाइट बोर्ड मारकर इत्यादि।

निर्माण की विधि: सबसे पहले गत्ते में से आवश्यकतानुसार टुकड़ा काटकर या पुरानी प्रयोग हो चुकी कार्य पुस्तिका लेकर इसे किसी भी रंग के कागज से ढक देंगे, तथा अच्छी प्रकार से चिपका देंगे। अब इस तैयार किए गये गत्ते या पुस्तिका को एक पारदर्शी पन्नी से इस प्रकार ढक देंगे कि इसकी एक किनारा खुला हुआ रहे, जिसका उपयोग इस स्लेट का प्रयोग करते समय किया जायेगा। अब इस स्लेट की किनारियो को अच्छी तरह से सजा कर सुन्दर व आकृषक बना लेंगे। तो इस तरह हमारी सतरंगी स्लेट तैयार है ।

प्रयोग की विधि: प्रयोग करने हेतू सर्वप्रथम पन्नी की जो साईड़ खुली हुयी है उसके नीचे से अपनी पसन्द के रंग के कागज  को घुसा देंगे।  फिर अपना कार्य इस स्लेट के ऊपर करेंगे, यदि स्लेट का रंग पसन्द ना आये तो

लिखने के  बाद भी पन्नी के नीचे का कागज बदल सकते है। इसके साथ – साथ लिखने के लिए अपनी पसन्द के रंग के मार्कर का प्रयोग कर सकते है।

 साथ ही साथ इस स्लेट का प्रयोग “मैजिक या टार्च स्लैट” की तरह भी कर सकते है, इसके लिए पहले हमने जिस रंग का कागज पन्नी के नीचे लगाया  है उसी रंग के मार्कर से लिखेंगे, ऐसा करने पर लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई नही देगा, उसके बाद पन्नी के नीचे का कागज बाहर खींचकर या दूसरे रंग का कागज पन्नी के नीचे डालने पर, विपरित रंग होने पर लिखा हुआ स्पष्ट दिखाई देना शुरू हो जायेगा ।

सावधानियां: पारदर्शी पन्नी के ऊपर लिखने के लिए आसानी से मिटने वाली स्याही के बोर्ड मारकर का ही प्रयोग करना चाहिए। पन्नी एक समान व मजबूत हो तथा लगने के बाद सिलवटें रहित हो। स्लेट के किनारे सही प्रकार से चिपके हो, व खुली हुई किनारी भी प्रयाप्त रूप से मजबूत व लचकरहित हो। रंगीन कागज भी कार्ड सीट या ड्राइंग सीट का लिया जाना चाहिए जो प्रयाप्त रूप से मजबूत हो, जिससे यह आसानी से पन्नी के नीचे ड़ाला जा सके

विशेष:  एक ही रंग की स्लेट पर लिखते- लिखते बच्चे उब जाते है, यह सतरंगी स्लेट बच्चों में लिखने के प्रति एक नयी उमंग व रूचि जागृत करेगी, साथ ही साथ इस सलेट का प्रयोग करने से बच्चे रूचि पूर्वक कुछ नया सीखने को लालायित रहते है, क्योंकि बच्चों को रंग कुछ ज्यादा ही पसंद होते है, और अलग- अलग रंग बच्चो की कल्पना को भी उडा़न देते है।

 

नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)

बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय,  टपराना

 

 

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