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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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रविवार, 1 मार्च 2020

मैं और तुम



है कौन बड़ा और कौन नही ,
ये समय नही इन बातों का |
 
            मिलजुलकर हम कार्य करे,
            यह निर्णय है विधाता का |

मैं नींव रखूँ इस बचपन की,
तुम आकर चढ़ना सिखलाना |

            मैं मिट्टी का आकार ढलूँ,
            तुम उसको आव लगाना |

-नीरज (स०अ०)
प्रा०वि० मालेंडी-1

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