है कौन बड़ा और कौन नही ,
ये समय नही इन बातों का |
मिलजुलकर हम कार्य करे,
यह निर्णय है विधाता का |
मैं नींव रखूँ इस बचपन की,
तुम आकर चढ़ना सिखलाना |
मैं मिट्टी का आकार ढलूँ,
तुम उसको आव लगाना |
-नीरज (स०अ०)
प्रा०वि० मालेंडी-1