विधाता की अनुपम संरचना नारी एक ओर तो वात्सल्यता की प्रतिमूर्ति है तो दूसरी ओर वह शत्रुओं के विनाश करने हेतु माँ दुर्गा तो माँ चण्डी का विशालतम रूप है।प्राचीन समय से ही नारी शत्रु मर्दन करने हेतु रानियाँ अपने पतियों के साथ युद्धों में प्रतिभाग करती थी तथा अदम्य साहस का परिचय देती थी।रानी कैकेयी ने राजा दशरथ के साथ अनेक युद्धों में भाग लिया। रानी विश्पला की गौरव गाथा को सभी जानते है।माता जीजाबाई, दुर्गावती अहिल्याबाई, चाँदबीबी कीशौर्य गाथा को कौन भूलना चाहेगा? रानी लक्ष्मीबाई का सम्पूर्ण जीवन साहसिक कहानियों से परिपूर्ण है। सम्पूर्ण संसार ने झांसी की रानी का लोहा माना है।
'बुन्देली हर बोली के मुँह हमनें सुनी कहानी थी,
खूब लडी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी'
मुगल काल में नारियों की स्थिति शोचनीय हो गई और उनका दायरा केवल घर की देहरी तक सिमटकर रह गया। सेना में भर्ती होना तो दूर उन्हें घूंघट में बंद कर दिया गया। परन्तु आधुनिक युग में नारियों की स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन आया एवं उन्होंने प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।सन्1992 में सेना में महिलाओं के लिए रास्ते क्या खुले कि उन्होंने उन्मुक्त आसमां में अपने परवाज खोल दिए और ऊंची उड़ान भरने की परिपाटी पर चल पडी। पायलट फाइटर हो अथवा सेना की वीरांगना सबने मिलकर इतिहास सृजन कर दिया। हमारे सेना आफिसर्स के माउंट एवरेस्ट फतह करना। नेवी की आफिसर्स द्वारा जहाज से दुनिया का चक्कर लगाना किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है। सेना की आफिसर पूजा ठाकुर द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ आनर देना नारियों के सेना में बढते कदमों की आहट हैं। 2020में गणतंत्र दिवस पर एक महिला आफिसर द्वारा परेड की अगुवाई करना अपने आप मेंएक बेमिसाल उदाहरण है।पुरुष वर्चस्व वाली सेना में लडाकू पदों और टैंक इकाइयों में पनडुब्बियोंपर सेवा के लिए प्रशिक्षण देकर महिलाओं को अधिक समावेशी बनाने के लिए उन्हें अपने साहस की नवीन कथाएँ लिखने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
वायुसेना में महिलाओं की संख्या13.09%महिलाएं, थलसेना में3.80%,नौसेना में6% महिलाएं हैं। वर्तमान में केवल वायुसेना में ही लडाकू पायलट के रूप में महिलाओं को लडाकू भूमिका में शामिल करती हैं।पायलट और ओब्जर्वर के रूप में क्षमता के अनुसार महिलाओं मैरीटाइम सैनिक सर्वेक्षण विमानों पर लडाकू भूमिका में नियोजित किया जा रहा है । सरकार महिलाओं की भूमिका साइबर सिक्योरिटी आर्टिफिशियल, इन्टेलीजेन्स तथा आडिट एंड अकाउंट में बढा रही हैं।वर्तमान में महिलाओं की स्थिति सेना में अच्छी होती जा रही है।परंतु अगर यह कहा जाए कि सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की स्थिति कुछ स्तरों पर उपेक्षित है तो गलत नहीं होगा। सरकार के द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयासों से वो दिन दूर नहीं जब महिलाएं सीमा पर दुश्मनों के साथ दो दो हाथ करती नजर आएगी।
अलका शर्मा
क०उ०प्रा०भूरा
कैराना, शामली